इकाइयों के ऐसे भौगोलिक जमाव (नगर/शहर/कुछ सटे गांव और उनसे लगे क्षेत्र) को क्लस्टर (जमघट) कहते हैं, जो लगभग एक ही तरह के उत्पाद तैयार करते हैं तथा जिन्हें सामान्य अवसरों और खतरों का सामना करना पड़ता है| हस्तशिल्प/हथकरघा उत्पादों को तैयार करने वाली पारिवारिक इकाइयों के भौगोलिक जमाव (जो अधिकांशतः गांवों/कस्बों में पाया जाता है) को आर्टिशन क्लस्टर कहते हैं| किसी क्लस्टर विशेष में, ऐसे उत्पादक प्रायः किसी खास समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, जो पीढियों से इन उत्पादों को तैयार करने के कार्य में लगे होते हैं| दरअसल, कई आर्टिशन क्लस्टर (शिल्पी जमघट) सदियों पुराने हैं| फिरोजाबाद समूह के बारे में:- फिरोजाबाद समूह उत्तरप्रदेश राज्य के मैनपुरी जिला के अन्तर्गत आता है। फिरोजाबाद समूह 200 से अधिक शिल्पकारों और 20 एसएचजी सहित सुदृढ़ कार्यबल आधार प्रदान करने में सक्षम है। यह संघटन दिन-प्रतिदिन पहचान प्राप्त कर रहा है। मनका कार्य :- पुरात्तविक खोजों ने भारत में प्राचीन काल में काँच की विद्यमानता को उद्घाटित किया है। ऐसा विश्वास है की उस काल में कुचले हुए क्रिस्टल से काँच बनाया जाता था। प्राचीन काल में निर्मित उत्कृष्ट गुणवत्ता की सुन्दर वस्तुएं श्रेष्ठ निपुणता का एक प्रमाण हैं। तरह की सुंदर वस्तुएं बढिया कौशल्य के प्रमाण है। यह मनुष्य द्वारा आविष्कार की गई सबसे सुंदर वस्तुओं में से एक है। अधिकतर आदिवासी महिलाओं विशेषकर सभी कालों में अबजुमद नारियां द्वारा पहने जाने वाले सफेद, लाल और काले रंग के गले का हार,कान के झुमके, अंगुठियां, कमरबन्द, गले के हार की लडि़यां, सिर पट्टियां काँच के मनकों में सम्मिलित हैं। शिल्पकार अब भी अधिक आकर्षक विन्यास उत्पन्न करने के लिए काँच के मनकों को अन्य वस्तुओं जैसे काष्ठ कवच, रुद्राक्ष, तांबा और सफेद धातु के साथ संयोजित करते हैं। कच्ची सामग्री:- मौलिक सामग्री : तांबा ,सफेद धातु, लकड़ी, काँच के मनके रंगाई सामग्री : लाल,काला,और सफेद लोहे की तकली, एक्सेल, लेप व्हील प्रक्रिया:- यह प्रक्रिया इस प्रकार वर्णित की जाती है कि लकड़ी चक्र सहित एक पहिया शीर्ष पर एक सिरे पर बाँधा जाता है,प्रत्येक सिरे पर लोहे की एक तकली कार्य करती है। उसमे स्क्रू भी लगाये गये है और नट से फिट किया जाता है, जिससे कटाई या रगड़ाई पहिये को तेज किया जा सके। लैप व्हील दो गोलाकार तश्तरियों से निर्मित है, ताँबे से निर्मित तश्तरी कठोर वस्तु और लकड़ी की तश्तरी नरम पत्थर को पॉलिश करने के लिए। इसको एक कमान द्वारा आगे और पीछे की ओर घुमाया जाता है, लड़ चक्र के चारों ओर गुजरती है। तकनिकीयाँ:- लकड़ी चक्र सहित एक पहिया शीर्ष पर एक सिरे पर बाँधा जाता है,प्रत्येक सिरे पर लोहे की एक तकली कार्य करती है। उसमे स्क्रू भी लगाये गये है और नट से फिट किया जाता है, जिससे कटाई या रगड़ाई पहिये को तेज किया जा सके। लेप व्हील दो गोलाकार तश्तरियों से निर्मित है, ताँबे से निर्मित तश्तरी कठोर वस्तु और लकड़ी की तश्तरी नरम पत्थर को पॉलिश करने के लिए। इसको एक कमान द्वारा आगे और पीछे की ओर घुमाया जाता है, लड़ चक्र के चारों ओर गुजरती है। कैसे पहुचे :- फिरोजाबाद उत्तरप्रदेश के पश्र्चिमी भाग में, आगरा से 40 किमी दूरी पर और दिल्ली से करीब 200 किमी दूरी पर अवस्थित है। यह जिला बस और रेल मार्गों के द्वारा मुख्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। निकटतम विमानपत्तन आगरा है।