इकाइयों के ऐसे भौगोलिक जमाव (नगर/शहर/कुछ सटे गांव और उनसे लगते हुए क्षेत्र) को क्लस्टर (जमघट) कहते हैं, जो लगभग एक ही तरह के उत्पाद तैयार करते हैं तथा जिन्हें समान अवसरों और खतरों का सामना करना पड़ता है| हस्तशिल्प/हथकरघा उत्पादों को तैयार करने वाली पारिवारिक इकाइयों के भौगोलिक जमाव (जो अधिकांशतः गांवों/कस्बों में पाया जाता है) को आर्टिशन क्लस्टर कहते हैं| किसी क्लस्टर विशेष में, ऐसे उत्पादक प्रायः किसी खास समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, जो पीढियों से इन उत्पादों को तैयार करने के कार्य में लगे होते हैं| दरअसल, कई आर्टिशन क्लस्टर (शिल्पी जमघट) सदियों पुराने हैं| थानेसर समूह के बारे में:-थानेसर समूह हरियाणा राज्य में कुरूक्षेत्र जिला के अर्न्तगत आता है.थानेसर समूह 150 से अधिक कलाकारों तथा 12 एसएचजी आकार सहित सशक्त कार्यबल आधार प्रदान करने में सक्षम है. यह संघटन दिन प्रति दिन पहचान प्राप्त कर रहा है. गुडिया एवं खिलौने:- एक कोमल खिलौना कोमल,फरयुक्त, भराई किया हुआ खिलौना होता है. ये एक प्यारे जानवर के रूप में प्राय एक पशु तथा मानवीय होते हैं. कच्ची सामग्री:- ये सब विभिन्न प्रकार की कच्ची सामग्री से बनाया जाता है जैसे की फर, फेल्ट, पॉलिस्टर फाइबर, कृत्रिम बटन, रिबन और धागे से निर्मित होता है, हम ये सुविधाए भी उपलब्ध करते है इसमें उपभोक्ता अपने पसंद के अनुसार बदलाव कर सकता है.एक कोमल खिलौना कोमल,फरयुक्त, भराई किया हुआ खिलौना होता है. ये एक प्यारे जानवर के रूप में प्राय एक पशु तथा मानवीय होते हैं.प्रक्रिया:-सांचे को विस्तृत करना:-आप सांचे को प्रिंटर का प्रयोग कर विस्तृत कर सकते हैं यदि यह संभव नहीं है तो आप कागज पर जाली बना सकते हैं. आपके कंप्यूटर स्क्रीन पर नमूना होते हुए बड़ी जाली पर रूपरेखा बना सकते हैं. सांचा तैयार करना:- सांचा तैयार करने के लिए ब्रिस्टल पटल का प्रयोग किया जा सकता है. आप गत्ते पर कागज के सांचे को चिपकाकर और तब इसे काट सकते हैं. यह उत्तम रहेगा कि चेहरे के चिह्न निर्मित करने के लिए सॉंचे को रंगीन बिंदुओं से चिह्नित कर सकते हैं.सॉंचे को आपके वस्त्र पर अनुरेखित करना:-आप इस उद्देश्य के लिए दर्जी चॉक, अनुरेखन कागज या कीमती पेंसिलें तथा क्रेयॉन प्रयोग कर सकते हैं. सॉंचे की रेखा के अंदर की ओर सिलाई करने का प्रयास करें ताकि पेंसिल चिह्न पर धारियां बन सके.सॉंचे के टुकड़ों को काटना:-आपको एक खिलौने के लिए प्रत्येक नमूना टुकड़े के दो टुकड़े काटने की आवश्यकता है. वस्त्र को इस प्रकार तह करें ताकि वस्त्र की उल्टी दशाएं विपरीत रहें. वस्त्र की विपरीत दिशा पर नमूने को अनुरेखित करें. वस्त्र की दो परतों को जोड़ने के लिए कुछ सीधी पिनों का इस्तेमाल करें. अनुरेखित लाइन के ¼ इंच बाहर की ओर काटें.सिलाई करना:-आपको सदैव वस्त्र की एक-दूसरे की ओर आमुख सीधी दिशा की सिलाई करनी चाहिए.मशीन द्वारा सिलाई करना:-अनुरेखित रेखा के अंदर की ओर सिलाई करें. छेद छोड़ते हुए संपूर्ण सिलाई करें. आरंभ एवं अंत में स्वत: गांठ सिलाई करें. फन्दे को चौड़ा करने के लिए सूई का प्रयोग करें तब नीचे के धागे को ऊपर तक खींचें. वस्त्र के साथ सपाट गांठ लगाने के लिए धागे के दो टुकड़ों की गांठ लगाएं.हाथ द्वारा सिलाई करना:-लगभग 3 फुट (90 सें.मी.) लंबा एक धागा लें और अपने धागे को दोहरा करें तथा सिरे पर एक फंदा डालें. एक मजबूत सूई का प्रयोग कर टुकड़ों की एकसाथ सिलाई करें. घुमावों के अंदर की ओर धारियां बनने के लिए चुटकियां(क्लिप) लगाएं. धारी रेखा धागों को काटे बगैर सिलाई रेखा के निकट चुटकियां(क्लिप) लगाएं.उलटा करना एवं भराई करना :-आप बुनाई सिलाई का घुण्डीयुक्त सिरा या एक पेंसिल को भराई छड़ के रूप में प्रयोग कर सकते हैं और तब सिरों को कोमल बनाएं.भराई करने से पूर्व :-सॉंचे का प्रयोग करते हुए चेहरे के चिह्नों तथा कशीदाकारी चिह्नित करें. धारी बनावट को इस्त्री के साथ या आपकी अंगुलियों के नाखुनों में मध्य चुनट बनाते हुए दबाएं.भराई करना:-भराव सामग्री को छोटे टुकड़ों में खींचें और तब उन्हें खुले छिद्र में भरें. पैरों, हाथों, कानों जैसे स्थानों को भरें. आपकी वांछित कोमलता और भराई होने तक भरें. अप्रत्यक्ष् या गुम सिलाई द्वारा छिद्र बन्द करें.कशीदाकारी के लिए विशेषताएं :-आप ऑंखें, नाक, मुख एवं भौंहें बनाने के लिए साटिन सिलाई या मूल पीछे की ओर सिलाई का प्रयोग कर सकते हैं.तकनीक:-1.सॉंचे को विस्तृत करना. 2.आपके वस्त्र पर सॉंचे को विस्तृत करना.3.करना.नमूने के टुकड़ों को काटना.4.सिलाई 5.मशीन द्वारा सिलाई 6.हाथ द्वारा सिलाई 7.भराई के लिए उलटा करना. 8.भराई से पूर्व9.भराई 10.कशीदाकारी के लिए विशेषताएंकैसे पहुँचें: -हवा से:-निकटतम विमानपत्तन दिल्ली एवं चंडीगढ़ हैं, जो कुरूक्षेत्र से सड़क एवं रेल द्वारा जुड़े हुए हैं. विमानपत्तनों से टैक्सी सुविधा भी उपलब्ध है.सड़क मार्ग से: -हरियाणा राज्य परिवहन की बसें एवं अन्य पड़ौसी राज्य निगम की बसें कुरूक्षेत्र को अन्य नगरों जैसे दिल्ली, चंडीगढ़ एवं अन्य महत्त्वपूर्ण स्थानों से जोड़ती हैं.ट्रेन से: -कुरूक्षेत्र देश में महत्त्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों से जुड़ा हुआ एक प्रमुख रेलवे जंक्शन है.